Tuesday, February 5, 2019

Geography- हिमालय पर्वत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ

हिमालय पर्वत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ 
हिमालय नामक पर्वत भारत के उत्तर दिशा में स्थित है। हिमालय की लंबाई लगभग 5000 मील और चौड़ाई 550 मील है। भारतीय हिमालय क्षेत्र चार भागों में बटा हुआ है। पहला भाग है- हिमालय तथा पंजाब प्रांत हिमालय। इसका विस्तार गिलगित से सतलुज तक है। यह 550 किलोमीटर लंबा क्षेत्र है। इसकी चोटियां लगभग 6000 मीटर तक चौड़ी है। दूसरा भाग है- कुमायूं हिमालय। यह श्रृंखला सतलुज नदी से काली नदी तक फैली हुई है। इसकी लंबाई 320 किलोमीटर है। इसके अंतर्गत नंदा देवी, त्रिशूल, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री आते हैं। तीसरा भाग है- नेपाल- हिमालय। काली नदी से सिक्किम तक यह भाग फैला हुआ है। इसकी श्रृंखलाएं 800 किलोमीटर तक लंबी है। इस के अंतर्गत एवरेस्ट, कंचनजंघा, धवल गिरि पर्वत श्रेणियां आती हैं। एवरेस्ट संसार की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है जिसकी लंबाई 8848 मीटर है, इसे गौरीशंकर के नाम से भी जाना जाता है। एवरेस्ट पर चढ़ने वाले शेरपना तेनसिंह और कर्नल हंट पहले मनुष्य हैं। चौथा भाग है असम हिमालय। ये पर्वत श्रंखलाएं 720 किलोमीटर तक लंबी हैं। इसका विस्तार तिस्ता नदी से होकर ब्रम्हपुत्र नदी की सीमा तक है। इसके अंतर्गत दो चाखोबा, धोकनिया, जोगसोंगला, काबारू आदि प्रसिद्ध चोटियां आती हैं।
हिमालय की पर्वत श्रंखलाएं सदैव बर्फ से ढकी रहती हैं। उनमें हरे भरे वृक्ष लगे रहते हैं जिनमें कई प्रकार के पुष्प और दुर्लभ वनस्पतियां पाई जाती हैं। हिमालय के अंतर्गत कई सारी गुफाएं स्थित हैं, कई विशाल और सघन वन हैं। हिमालय में कई सारी नदियां, झरने, झीलें पाए जाती हैं। हिमालय से निकलने वाली गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदियां प्रमुख हैं। ये नदियां संपूर्ण भारत भूमि को हरा-भरा और शस्य श्यामला बनाए रखती हैं। इन नदियों का धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। इन नदियों के कारण ही भारत की भूमि पर अन्न पैदा होता है जिससे सवा अरब जनसंख्या का पेट भरता है।
हिमालय पर्वत पर अनेक प्रकार के फल और फूल, देवदार तथा बांस के वृक्ष, कई प्रकार की जड़ी बूटियां, महाऔषधियां, खनिज पदा,र्थ वनस्पतियां आदि के भंडार पाए जाते हैं जो भारत को संपन्न बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हिमालय के जंगलों में प्रायः बाघ, भालू, हाथी, हिरण, गेंडे आदि पशु शिकारी भी पाए जाते हैं जो सदैव ही आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं।
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि हिमालय पर्वत के कैलाश चोटी पर भगवान शंकर का वास हैय़ इस संदर्भ से हिमालय का धर्म के परिप्रेक्ष में भी बहुत अधिक महत्व है। हिमालय में कई सदियों से साधु संत और सन्यासी आंखें मूंदकर भगवान की तपस्या करने में लगे हुए हैं। पांडवों और द्रौपदी की यह मोक्ष भूमि मानी जाती है। हिमालय में प्रतिवर्ष लाखों भारतीय तथा विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए आते हैं और इसकी सुंदरता और विशालता को देखकर अचंभित होते हैं।
हिमालय हिंदू धर्म का कुंज है। वेदों, उपनिषदों, पुराणों और महाकाव्यों में हिमालय का विस्तृत वर्णन किया गया है। कालिदास के ‘कुमारसंभव’ की संपूर्ण कथा हिमालय में ही घटित हुई है। हिमालय हमारा प्रहरी है और हमारे इतिहास का विधाता है।

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