Wednesday, March 27, 2019

Human Nervous system


Human respiratory system


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Thursday, February 7, 2019

Diabetis को मात्र एक हफ्ते में कैसे कण्ट्रोल करें

Diabetis/sugar को मात्र एक हफ्ते में कैसे कण्ट्रोल करें|| 
असंयमित भोजन, मानसिक तनाव, मोटापा, व्यायाम का अभाव या अन्य अनुवांशिक कारणों से वर्तमान समय में डायबिटीज के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

आप accuressure से diabetis/sugar को जल्दी ही कण्ट्रोल कर सकते है बिना कोई medicines के और वो भी बिलकुल आसान तरीके से ||| 

बस आपको बताये गए point को press करना दिन में 2 bar और रात में दो बार 

इस रोग को कंट्रोल में रखने के लिए खान-पान पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें अगर आप अपने दिनचर्या में शामिल कर लेंगे तो कभी डायबिटीज नहीं होगी और अगर हो गई है तो कंट्रोल हो जाएगी।  आप डायबिटीज को सिर्फ 10 मिनट में कंट्रोल करना चाहते हैं। तो इन टिप्स को आजमाइए और देखिए आपको इसका कितना लाभ होता है।

डायबिटीज के मरीज को कभी भी नंगे पांव नहीं घूमना चाहिए। अगर आप अपने जूते दरवाजे के करीब रखते हैं तो आपके लिए खुद को यह याद दिलाना आसान होगा कि जूते या चप्पल पहने बिना अपने कमरे से बाहर नहीं निकलना है।

शरीर के इशारों को समझें 

यह आप शॉवर लेने से पहले या बाद में देख सकते हैं। अपने शरीर पर रूखेपन, सूजन या फिर लाल निशानों को ध्यान से देखें। खासतौर पर ऐसे निशानों पर ध्यान दें जहां नमी हो सकती है। आपकी बगल, छाती पर, टांगों के बीच में और एडि़यों पर ऐसी समस्यांएं आमतौर पर होती हैं। अपने पैरों पर विशेष ध्यान दें। अपने शरीर के इन खास अंगों को देखने के लिए आप शीशे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

जल्द जांच  
अपनी अलॉर्म क्लॉक के साथ ही अपना ग्लूकोज मीटर रखें। यह आपको याद दिलाएगा कि सुबह उठते ही सबसे पहले आपने अपने ब्‍लड शुगर के स्तर की जांच करनी है। आमतौर पर डॉक्टर आपको इस बात की सलाह देता है कि कितने समय के अंतराल के बाद आपको अपना ब्लड शुगर जांचना चाहिए और आपका ब्लड शुगर क्या होना चाहिए। आमतौर पर यह 70 से 130 mg/dL होता है। और भोजन के बाद यह अधिक हो सकता है, लेकिन 180 mg/dL से कम।

कुछ मीठा हो जाए
हमेशा अपने साथ कुछ ग्लूकोज बिस्किट या शुगर कैंडी रखें। क्योंकि आपके ब्लड शुगर का स्तर अगर 70 mg/dL से नीचे आ जाता है तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपके सोचने समझने की शक्ति पर इसका फौरन असर पड़ता है, आपको भूख लग सकती है और साथ ही आप असहज भी महसूस कर सकते हैं। अगर आप अपने शुगर स्तर को नियमित रखते हैं तो इससे आपका रक्तचाप भी कंट्रोल में रहता है। 

भोजन का रखें ध्या‍न

ऐसा भोजन करें तो आपके शुगर के स्तर को नियमित स्तर से ऊंचा जाने से रोकता है। इसके लिए आपको अधिक रेशेदार भोजन करना चाहिए और तैलीय भोजन से दूर रहना चाहिए।

नियमित तौर पर पानी पिएं 

डायबिटीज के मरीज को अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए। डायबिटीज के मरीज में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है और आप अधिक मात्रा में पानी पीकर उस कमी को पूरा कर सकते हैं। इससे आपकी त्वचा स्वस्थ रहेगी और साथ ही उसमें नमी भी बरकरार रहेगी। 

नियमित व्यायाम करें

आपको दिन में कम से कम तीस मिनट व्यायाम करना चाहिए। आप चाहें तो इसे दिन भर में 10-10 मिनट के तीन हिस्सों में बांटकर भी कर सकते हैं। सबसे अच्छा यह रहेगा कि सुबह 10 निमट की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की जाए। दोपहर के भोजन के बाद दस मिनट की तेज चाल चली जाए। और शाम को उ़द्यान में आराम से घूमा जाए। स्ट्रेंथ और कार्डियो एक्सरसाइज का मेल आपके शरीर में ब्ल्ड शुगर के स्‍तर को नियंत्रित रखने में काफी मददगार साबित होगा। इसके साथ इससे आपका दिल भी तंदुरुस्त रहेगा।






Exam Tips: परीक्षा के समय बच्चा हो रहा है चिड़चिड़ा या बीमार? तो ऐसे करें उसे पेपर के लिए तैयार

Exam Tips: परीक्षा के समय बच्चा हो रहा है चिड़चिड़ा या बीमार? तो ऐसे करें उसे पेपर के लिए तैयार


छात्र अक्सर पूरी रात बैठ कर पढ़ते रहते हैं. इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती और तनाव बढ़ता है. परीक्षा के दौरान दिमाग को आराम देने के लिए 6-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरुरी है. 

परीक्षाएं चल रही हैं, ऐसे में ज्यादातार स्टूडेंट्स चिंता और तनाव के दौर से गुजर रहे हैं. परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है. हर व्यक्ति की तनाव झेलने की क्षमता अलग होती है और हर व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है. हालांकि कई बार किशोरों के लिए परीक्षा के इस तनाव को झेलना बेहद मुश्किल हो जाता है. परीक्षा में तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे बहुत सारा सिलेबस याद करना होता है, परीक्षा में आने वाले सवालों को लेकर हमेशा अनिश्चतता बनी रहती है. परिवार और दोस्तों को छात्रों से बहुत सारी उम्मीदें होती हैं. आगे किसी अच्छे कोर्स में एडमिशन लेने के लिए परीक्षा में अच्छे अंक लाना जरूरी होता है. 

छात्रों में तनाव के कुछ लक्षण :
शारीरिक लक्षण : हार्ट रेट बढ़ना, सांस लेने में परेशानी, पेशियों में खिंचाव, बहुत ज्यादा पसीना आना, दिल की धड़कन बढ़ना, पेट में मरोड़, सिर में दर्द, मुंह सूखना, मतली/पेट खराब होना, बेहोशी/चक्कर आना, बहुत ज्यादा गर्मी/ठंड लगना, नींद न आना, बुरे सपने आना, थकान, भूख में कमी/भूख लगने का समय बदलना. 
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व्यवहार में बदलाव : बेचैनी, चीजों से बचने की कोशिश करना, दूसरों से बचने की कोशिश करना, अधीरता महसूस करना, अपनी देखभाल कम करना, मादक पदार्थों का सेवन, अपने आप को नुकसान पहुंचाने वाला जोखिम भरा व्यवहार.
भावनात्मक लक्षण : रोने/हंसने की इच्छा, क्रोध, असहाय महसूस करना, डर, निराशा, अवसाद, चिड़चिड़ापन, हताश महसूस करना. 
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संज्ञानात्मक लक्षण : नकारात्मक सोच, भ्रमित/उलझन हेना, एकाग्रता और याददाश्त कम होना, सवाल हल करने में मुश्किल महसूस होना. 
परीक्षा के तनाव को कैसे कम करें : 
परीक्षा के तनाव को कैसे कम करें : 
अक्सर छात्रों को यह चिंता सताती है 'अगर मैं फेल हो गया तो' या 'अगर मुझे परीक्षा में कुछ नहीं आया तो'. इसके लिए अपनी पढ़ाई पर अच्छी तरह ध्यान दें. अगर अपके दिमाग में इस तरह के विचार आते रहेंगे तो आप पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा सकेंगे. अगर आप परीक्षा के तनाव से जूझ रहे हैं तो अपने आप खुद को समझाने की कोशिश करें कि यह जीवन की छोटी सी अवस्था है, हमेशा ऐसा नहीं रहने वाला है. 
परीक्षा के तनाव से कैसे बचें :
अभी से पढ़ना शुरू करें- सिर्फ सोचने से कुछ नहीं होने वाला है. सोचते रहने से तनाव और बढ़ेगा जिसका असर आपकी परीक्षा के परिणामों पर पड़ेगा. इसलिए सोचना छोड़ें और पढ़ना शुरू करें. उन विषयों पर ध्यान दें जिनमें आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है- योजना बनाएं. देखें कि कौन से विषय या अध्याय में आपको और पढ़ने की जरुरत है. इन पर ज्यादा ध्यान दें. 
टाइम टेबल बनाएं- समय के अनुसार पढ़ना शुरू करें और बीच-बीच में ब्रेक लें. टाइम टेबल के अनुसार पढ़ें. हर एक-दो घंटे बाद दस मिनट का ब्रेक लें. 
ग्रुप में पढ़ें- ग्रुप में पढ़ने के बहुत से फायदे होते हैं. अगर आपके सवाल या समस्याएं हैं तो आप एक दूसरे के साथ इन्हें हल कर सकते हैं. अपने कमजोर अध्यायों पर ध्यान दें. नोट्स बनाकर एक दूसरे के साथ शेयर करें. जब आप पढ़ने के लिए तैयार हों, टाइम टेबल बनाकर पढ़ना शुरू करें. ध्यान रखें हर विषय पर अलग तरह से ध्यान देने की जरूरत होती है. 
ब्रेक लें - आप निश्चित समय तक पढ़ सकते हैं, इसके बाद आपको ब्रेक लेने की जरूरत होती है. छोटे ब्रेक लें, इस समय में अपने दोस्तों के साथ बातचीत करें, कॉफी पिएं. इस समय में आप सीढ़ी चढ़ने उतरने जैसा व्यायाम भी कर सकते हैं. 
चलें-फिरें और व्यायाम करें : लगातार बैठकर पढ़ने के बाद बीच में कुछ समय के लिए व्यायाम करना जरुरी है. एक्टिविटी बढ़ाने से तनाव कम होता है और आप बेहतर महसूस करते हैं. इस दौरान आप सैर करना, दौड़ना, तैरना, डांस करना जैसे व्यायाम कर सकते हैं. 
सेहतमंद आहार लें : सेहतमंद आहार तनाव से जूझने में मदद करता है. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, रिफाइंड काबोहाइड्रेट, चीनी से युक्त स्नैक्स खाने से तनाव बढ़ता है. इसके बजाए ताजा फल और सब्जियां, अच्छी गुणवत्ता का प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड तनाव से लड़ने में मदद करते हैं. 
आराम करें : छात्र अक्सर पूरी रात बैठ कर पढ़ते रहते हैं. इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती और तनाव बढ़ता है. परीक्षा के दौरान दिमाग को आराम देने के लिए 6-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरुरी है.